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Education 5th Semester PAPER 4 File | Visit to any type of University

Updated:

नमस्कार दोस्तों इस आर्टिकल में हम फाइल बनाने वाले है जो की आप अपने अनुसार B.Ed के लिए फाइल बना सकते है और यदि आप इसे अपने अनुसार शार्ट में करके BA एजुकेशन के के पाचवें सेमेस्टर के paper 4 के लिए भी बना सकते है जो की Visit to Any type of University वाला टॉपिक है। तो चलिए शुरू करते है।

Topic: Visit to any type of University: A. It’s profile preparation. B. Report on its administrative structure.

-: प्रस्तावना :-

दूरस्थ शिक्षा वह शिक्षा प्रणाली है जिसमें शिक्षक तथा शिक्षार्थी को स्थान विशेष अथवा समय विशेष पर मौजूद होने की आवश्यकता नहीं होती है। यह प्रणाली अध्यापन तथा शिक्षण के तौर-तरीकों और समय निर्धारण के साथ-साथ गुणवत्ता संबंधी अपेक्षाओं से समझौता किए बिना प्रवेश मानदंडों के संबंध में भी उदार है।

दूरस्थ शिक्षा के जनक के रूप में आइजैक पिटमैन को माना जाता है। उन्होंने 1840 में सर्वप्रथम पत्राचार के माध्यम से छात्रों को शिक्षित करने का कार्य किया। दूरस्थ शिक्षा को राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में सर्वप्रथम रूस ने 1962 में स्वीकार किया। इसके पश्चात भारत में भी पत्राचार के माध्यम से शिक्षा प्रारंभ करने का कार्य किया गया।

दूरस्थ शिक्षा उन छात्रों के लिए शिक्षा की व्यवस्था करती है जो शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह रहे होते हैं या जिनके सामने ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो जाती है कि वे विद्यालय आकर शिक्षण ग्रहण करने में असमर्थ होते हैं।

IGNOU के अनुसार:

"दूरस्थ शिक्षा वह शिक्षा होती है जिसमें शिक्षा संस्थान तथा छात्र के मध्य मुख्य रूप से दूरी का संबंध होता है, चाहे वह शिक्षा किसी भी विषय की हो तथा उसमें किसी भी संप्रेषण माध्यम का प्रयोग किया गया हो।"

दौहमैन के अनुसार (1967):

"दूरस्थ शिक्षा उचित रूप से अलग अध्ययन के रूप में संगठित है, जिसमें विद्यार्थियों की काउंसलिंग, अधिगम सामग्री का प्रस्तुतीकरण, विद्यार्थियों का पर्यवेक्षण तथा शिक्षकों की उत्तरदायित्व सम्मिलित हैं।"

पिटर्ज के अनुसार:

"दूरस्थ शिक्षा अप्रत्यक्ष अनुदेशन की विधि है जिसमें शिक्षक तथा शिक्षार्थी के बीच भौगोलिक एवं भावात्मक दूरी बनी रहती है। जबकि पारंपरिक शिक्षा प्रणाली में शिक्षक एवं छात्र का कक्षा में संबंध सामाजिक नियमों पर आधारित होता है, वहीं दूरस्थ शिक्षा में यह संबंध प्रौद्योगिक नियमों पर आधारित होता है।"


दूरस्थ शिक्षा से संबंधित शब्दावली:

दूरस्थ शिक्षा को परिभाषित करना आसान नहीं है। यह शिक्षा का वह प्रकार है जिसमें अध्यापक और छात्र के बीच लंबी शारीरिक दूरी होती है। दूरस्थ शिक्षा के साथ निम्नलिखित शब्द जुड़े हुए हैं:

  • सतत शिक्षा
  • पत्राचार शिक्षा
  • पत्राचार द्वारा सीखना
  • पत्राचार शिक्षण
  • दूरस्थ शिक्षा
  • दूरस्थ अधिगम
  • दूरस्थ शिक्षण
  • गृह अध्ययन
  • अनौपचारिक शिक्षा
  • औपचारिक शिक्षा
  • खुली शिक्षा
  • दूर शिक्षा
  • सुदूर शिक्षा
  • मुक्त शिक्षा

दूरस्थ शिक्षा की विशेषताएँ:

  • यह दूर से प्राप्त की जाने वाली शिक्षा होती है।
  • इसमें पत्राचार या ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा प्रदान की जाती है।
  • यह उन व्यक्तियों के लिए होती है जो पढ़ाई से वंचित रहे हों या जिन्होंने किसी कारणवश पढ़ाई छोड़ दी हो।
  • विशेष रूप से उन युवाओं के लिए होती है जो कामकाज के कारण विद्यालय नहीं जा सकते, लेकिन शिक्षा प्राप्त करने की जिज्ञासा रखते हैं।

दूरस्थ शिक्षा के लाभ:

  • औपचारिक शिक्षा से वंचित लोगों को शिक्षा प्रदान करने का कार्य करती है।
  • ऐसे छात्रों को शिक्षित करती है जो अपनी परिस्थितियों की वजह से पढ़ाई करने में असमर्थ रहे हों।
  • इसमें छात्र को विद्यालय आने-जाने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे यात्रा संबंधी समस्याएँ नहीं आतीं।
  • रेडियो, टेलीविज़न, इंटरनेट आदि के माध्यम से शिक्षा प्रदान की जाती है, जिससे तकनीकी ज्ञान भी बढ़ता है।
  • यह सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान करती है। वर्तमान में 5 मिलियन से अधिक लोग इसके द्वारा शिक्षित हो रहे हैं।

दूरस्थ शिक्षा की चुनौतियाँ:

  • यह मुख्य रूप से रेडियो, टेलीविज़न, और इंटरनेट के माध्यम से दी जाती है, लेकिन कई छात्रों के पास ये सुविधाएँ उपलब्ध नहीं होतीं।
  • इसकी लागत अधिक हो सकती है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्र इससे वंचित रह सकते हैं।
  • हर विषय की पूरी जानकारी छात्रों तक पहुँचाना कठिन होता है, जिससे उन्हें समझने में परेशानी हो सकती है।

भारत में मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा के इतिहास की प्रमुख घटनाएँ:

  • 1956-1960: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने पत्राचार पाठ्यक्रम शुरू करने का सुझाव दिया।
  • 1962: दिल्ली विश्वविद्यालय में पत्राचार पाठ्यक्रम विद्यालय की स्थापना हुई।
  • 1982: हैदराबाद में डॉ. भीमराव अंबेडकर मुक्त विश्वविद्यालय की स्थापना हुई।
  • 1985: दिल्ली में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) की स्थापना हुई।
  • 1989: राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान (NIOS) की स्थापना हुई।
  • 2013: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा दूरस्थ शिक्षा ब्यूरो की स्थापना की गई।

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में स्थित एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है, जिसका नाम राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन के नाम पर रखा गया है। इसकी स्थापना 1998 में हुई थी। यह एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है, यानी कि मुक्त विश्वविद्यालय है। कुलाधिपति वर्तमान में आनंदी बेन पटेल हैं, जो उत्तर प्रदेश की राज्यपाल भी हैं। वर्तमान में इसकी कुलपति आचार्य सीमा सिंह जी हैं। यह विश्वविद्यालय प्रयागराज के शांतिपुरम, फाफामऊ में स्थित है। इसका परिसर शहरी क्षेत्र में स्थित है और यह UGC से मान्यता प्राप्त है।

मुख्य परिसर:

  • गंगा परिसर
  • यमुना परिसर
  • सरस्वती परिसर

इस विश्वविद्यालय की स्थापना उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय अधिनियम, 1999 के अंतर्गत हुई थी। इसे दूरस्थ शिक्षा योजना के अंतर्गत एक मुक्त विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित किया गया, जिससे उत्तर प्रदेश और पूरे भारत में सुनियोजित ढंग से उच्च शिक्षा का प्रचार एवं प्रसार किया जा सके। इसका उद्देश्य आबादी के बड़े वर्ग, जैसे कि नौकरीपेशा लोगों, गृहिणियों और अन्य वयस्कों को उच्च शिक्षा से जोड़ना और उनके उन्नत भविष्य के लिए ज्ञान अर्जन का अवसर प्रदान करना था।

विश्वविद्यालय का प्रथम शैक्षणिक सत्र जुलाई 1999 से प्रारंभ हुआ था। विशेष रूप से यह दूर-दराज और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए उपयोगी है, जो उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। यह उन लोगों के लिए भी लाभकारी है, जो पढ़ाई के माध्यम से स्वतंत्र रूप से ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं।

अगर कोई व्यक्ति नौकरी कर रहा है और आगे की शिक्षा भी ग्रहण करना चाहता है, तो वह इस विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर सकता है। इसके पाठ्यक्रम दूरस्थ पद्धति द्वारा संचालित होते हैं।

ग्रामीण शिक्षा डिप्लोमा पाठ्यक्रम में दाखिला लेने के लिए उम्मीदवार का स्नातक होना अनिवार्य है, लेकिन उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने इसे 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए भी मान्यता दी है। ग्रामीण विकास में डिप्लोमा पाठ्यक्रम की अवधि एक वर्ष की होती है, लेकिन विश्वविद्यालय में इसे एक से तीन वर्ष की अवधि तक पूरा किया जा सकता है। पाठ्यक्रम का माध्यम हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है।

इसमें अनेक प्रकार के पाठ्यक्रम हैं:

  • फर्स्ट डिग्री कार्यक्रम
  • स्नातकोत्तर कार्यक्रम
  • जनरल डिप्लोमा कार्यक्रम
  • सर्टिफिकेट कार्यक्रम
  • कंप्यूटर कार्यक्रम
  • वोकेशनल कार्यक्रम
  • जागरूकता कार्यक्रम
  • प्रौढ़ एवं सतत शिक्षा कार्यक्रम

विश्वविद्यालय की स्थापना का उद्देश्य:

मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा अन्वेषिका शोध पत्रिका का प्रकाशन, मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा के विभिन्न आयामों पर चर्चा एवं उनकी उपादेयता को प्रस्तुत करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

वर्तमान समय में वैश्विक स्तर पर शिक्षा में नए परिवर्तन आ रहे हैं, जिनसे समाज को अवगत कराना आवश्यक है। इस कारण इस पत्रिका का प्रकाशन हिंदी भाषा में किया जाना उचित समझा गया।

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज, एक ऐसा प्लेटफॉर्म विकसित कर रहा है, जहां पर ऑनलाइन शिक्षा और अन्य नवीन शैक्षिक स्वरूपों को एकीकृत किया जा सके।

यह शोध पत्रिका, शिक्षाविदों, शोधार्थियों एवं दूरस्थ शिक्षा में संलग्न शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगी, जहां वे अपने शोध, विचार एवं नवीन अभ्यास को एक-दूसरे के साथ साझा कर सकें।

इस शोध पत्रिका में सैद्धांतिक एवं अनुभवजन्य दोनों प्रकार के आलेख प्रकाशित किए जाएंगे, जिसमें दूरस्थ शिक्षा में हुए ऐतिहासिक परिवर्तन एवं समसामयिक विकास को शामिल किया जाएगा।

प्रमुख उद्देश्य:

  • मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा का प्रसार
  • उच्च शिक्षा से वंचित छात्रों को शिक्षा प्रदान करना
  • ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली को विकसित करना

निष्कर्ष:

दूरस्थ शिक्षा उन छात्रों के लिए वरदान साबित हो रही है जो नियमित रूप से विद्यालय या कॉलेज नहीं जा सकते। यह शिक्षा प्रणाली समाज के हर वर्ग के लोगों तक शिक्षा पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आने वाले समय में डिजिटल प्लेटफॉर्म के विकास के साथ दूरस्थ शिक्षा और अधिक प्रभावशाली और सहज हो जाएगी।


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