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Internet Technology and Web Designing in Hindi | O Level in Hindi Part 3

Updated:

    इंटरनेट कनेक्टिविटी (Internet Connectivity)

    • इंटरनेट पर हुक पाने के लिए विभिन्न प्रकार की कनेक्टिविटी होती है।
    • वे सभी निम्नलिखित श्रेणी में विस्तृत रूप से वर्गीकृत किए जा सकते हैं।
      • लेवल एक कनेक्शन
      • लेवल दो कनेक्शन
      • लेवल तीन कनेक्शन

    लेवल एक कनेक्टिविटी (Level One Connectivity)

    • लेवल एक कनेक्टिविटी को गेटवे एक्सेस (Gateway access) के नाम से भी जाना जाता है।
    • यह उस नेटवर्क से इंटरनेट के लिए एक्सेस है जो इंटरनेट पर नहीं है।
    • गेटवे दो नेटवर्क को एक दूसरे से "बातचीत (talk)" करने की अनुमति देता है, लेकिन इंटरनेट पर उपलब्ध सभी टूल्स को पूर्ण रूप से एक्सेस करने के लिए गेटवे इंटरनेट के उपयोगकर्ता की क्षमता सीमित होती है।
    • लेवल एक कनेक्टिविटी के साथ, उपयोगकर्ता इसके लिए सिमित हैं कि वे क्या-क्या एक्सेस कर सकते हैं और उनके सेवा प्रदाता किसके द्वारा उन्हें एक्सेस के लिए अनुमति देते हैं।
    • अमेरिका ऑनलाइन (America Online (AOL)), कम्पूसर्व (CompuServe), प्रोडिजी (Prodigy), और कई अन्य वाणिज्यिक ऑनलाइन सेवाएँ लेवल एक कनेक्टिविटी वाले नेटवर्क के अच्छे उदाहरण हैं।
    • AOL प्रभाव में है, इसमें अलग-अलग प्रोग्राम की बहुत बड़ी संख्या है जिसका उपयोग (चैट रूम की तरह) इसके सदस्य क्र सकते हैं, लेकिन ये सभी प्रोग्राम केवल AOL नेटवर्क पर ही चल सकते हैं।
    • AOL सदस्य, और अन्य वाणिज्यिक ऑनलाइन सेवाओं के अधिकतर सदस्य भाग्यशाली हैं क्योंकि वे अपने गेटवे के माध्यम से इंटरनेट पर कुछ टूल्स का एक्सेस कर सकते हैं।
    • लेवल एक कनेक्टिविटी वाले कई लोगों के पास केवल ई-मेल एक्सेस होता है।
    चित्र 3.1: गेटवे एक्सेस (Gateway Access)

    लेवल दो कनेक्टिविटी (Level Two Connectivity)

    • लेवल दो कनेक्टिविटी को डायल-अप कनेक्शन (Dial-up connection) के रूप में भी जाना जाता है।
    • यह डायल-अप टर्मिनल कनेक्शन के माध्यम से इंटरनेट के लिए कनेक्शन प्रदान करता है।
    • इंटरनेट एक्सेस प्रदान करने वाले कंप्यूटर को 'होस्ट (Host)' कहते हैं और जो कंप्यूटर एक्सेस प्राप्त करता है उसे 'क्लाइंट (Client)' या 'टर्मिनल (Terminal)' कहते हैं।
    • क्लाइंट कंप्यूटर "होस्ट" को एक्सेस करने के मॉडम का उपयोग करता है और यह उस होस्ट से सीधे जुड़े टर्मिनल के रूप में कार्य कार्य करता है। 56K मॉडम एक्सेस अब विस्तृत रूप से उपलब्ध और अधिकतर ISP द्वारा समर्थित है।
    • यह उपयोगकर्ता को ग्राफ़िक्स के साथ 56 Kbps पर वेब सर्फ करने की अनुमति देता है।
    • इसलिए इस प्रकार के कनेक्शन को 'रिमोट मॉडम एक्सेस (Remote Modem Access)' कनेक्शन कहा जाता है।
    • और होस्ट, जिसके लिए क्लाइंट कनेक्ट होता है, वास्तविक रूप से फुल टाइम कनेक्शन द्वारा इंटरनेट से कनेक्टेड होता है।
    • इंटरनेट के लिए डायल-अप कनेक्शन में, होस्ट उन सभी आदेश को पूरा करता है जो क्लाइंट मशीन पर टाइप किए हुए होते हैं और उन्हें इंटरनेट पर फॉरवर्ड करता है।
    • यह 'क्लाइंट (Client)' की ओर से इंटरनेट से डेटा या सूचना भी प्राप्त करता है और इसे उनको भेज देता है।
    • क्लाइंट कंप्यूटर रिमोट होस्ट से जुड़े 'डम्ब (dumb)' टर्मिनल के रूप में कार्य करता है।
    • इस प्रकार के कनेक्शन आगे तीन श्रेणियों में विभाजित हो सकते हैं।
      • शेल कनेक्शन
      • TCP/IP कनेक्शन (Connection
      • ISDN
    चित्र 3.2: डायल-अप कनेक्शन (Dial-up Connection)
    • शेल कनेक्शन (Shell Connection)
      • इस प्रकार के इंटरनेट कनेक्शन में, उपयोगकर्ता केवल वेब पेज के पाठ विषय (textual matter) प्राप्त करेंगे।
      • यह कनेक्शन ग्राफ़िक्स डिस्प्ले (Graphics display) का समर्थन नहीं करता है।
      • ग्राफ़िक्स की दुनिया में इंटरनेट के प्रवेश से कई वर्ष पहले केवल शेल एकाउंट्स (Shell Accounts) उपलब्ध इंटरनेट एक्सेस का प्रकार था और बहुत अधिक उपयोगकर्ता परिचित बना।
    • TCP/IP कनेक्शन (Connection
      • आज का ग्राफिकल वर्ल्ड वाइड वेब ब्राउज़र मल्टीमीडिया ध्वनि और तस्वीरों के साथ अधिक आसान एक्सेस प्रदान करता है।
      • शेल तथा TCP/IP अकाउंट के बीच प्रमुख अंतर यह है कि, शेल अकाउंट केवल टेक्स्ट दिखा सकता है और ग्राफ़िक डिस्प्ले के लिए समर्थित नहीं है जबकि TCP/IP दोनों दर्शा सकते हैं।
    • ISDN
      • ISDN (इंटीग्रेटेड सर्विसेज डिजिटल नेटवर्क [ISDN (Integrated Services Digital Network)) डिजिटल फ़ोन लाइन के माध्यम से 128 Kbps तक की स्पीड पर इंटरनेट कनेक्टिविटी देता है। ISDN एक डायल-अप सर्विस है जो कई वर्षों से टेलीफोन कंपनियों द्वारा प्रदान किया जाता है।
      • इन डायल-अप अकाउंट में किसी का एक्सेस करने के लिए आपको निम्नलिखित की आवश्यकता है:
        • कंप्यूटर (Computer)
        • मॉडम (Modem)
        • टेलीफोन कनेक्शन (Telephone Connection)
        • ISP का शेल (Shell) TCP/IP/ISDN अकाउंट
        • इंटरनेट ब्राउज़र जैसे इंटरनेट क्लाइंट सॉफ्टवेयर

    लेवल तीन कनेक्टिविटी (Level Three Connectivity)

    • लीज्ड कनेक्शन को डायरेक्ट इंटरनेट एक्सेस या लेवल तीन कनेक्शन भी कहा जाता है।
    • यह इंटरनेट कनेक्शन का सुरक्षित, समर्पित और सबसे खर्चीला स्तर है।
    • लीज्ड कनेक्शन के साथ, आपका कंप्यूटर उच्च स्पीड ट्रांसमिशन लाइन का प्रयोग करके आसानी से और सीधे इंटरनेट से कनेक्ट हो जाता है।
    • यह हर दिन के चौबीस घंटे, सप्ताह के साथ दिन ऑनलाइन है।
    • यह सुरक्षा और निजी समर्पित कनेक्शन प्रदान करता है।
    • यह उन लोगों के लिए रखा जा सकता है जिन्हें अतिरिक्त उच्च बैंडविड्थ की आवश्यकता होती है।
    • सिमेट्रिकल, बिना संपर्क के उच्च स्पीड कनेक्शन प्रदान करता है।
    • यह विश्वसनीय और भरोसेमंद है लेकिन इसे इंस्टाल करना बहुत खर्चीला है।
    • यह एकल या घर पर कार्य करने वालों के लिए उपयुक्त नहीं है।
    चित्र 3.3: लीज्ड कनेक्शन (Leased Connection)

    आवश्यक हार्डवेयर

    • कंप्यूटर के लिए न्यूनतम आवश्यक हार्डवेयर इस प्रकार हैं:
      • विंडोज एक्स.पी. (Windows XP), विस्टा (Vista), या बाद के संस्करण
      • 1.0 GHz या इससे तीव्रतम प्रोसेसर
      • 1 या इससे अधिक गीगाबाइट (GB) RAM
      • साउंड कार्ड और स्पीकर
      • DVD ड्राइव
      • 1,024 x 768 रिज़ॉल्यूशन पर 24-बिट कलर वाला मॉनिटर या इससे बेहतर
    • इंटरनेट
      • इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (Internet Service Provider (ISP)) के माध्यम से डी.एस.एल. (DSL) या केबल कनेक्शन।
      • अकाउंट प्लान कम-से-कम 1.5 MB डाउनलोड दे रहे हैं और अपलोड स्पीड 512 अनुशंसित है।
      • AOL को AOL टेक सपोर्ट वाले विशेष सेट अप की आवश्यकता हो सकते है।

    मॉडम (Modem) का चयन

    • मॉडम का चयन करते समय निम्नलिखित कार्य करें।
    • सेवा की जांच करें।
      • उपयोगकर्ता के पास केबल है या फिर DSL सेवा है, इसके आधार पर उपयोगकर्ता को विभिन्न प्रकार के मॉडम की आवश्यकता होती है।
      • यदि उपयोगकर्ता नई सेवा ले रहा है, तो मॉडम खरीदने से पहले यह निर्धारित करें कि किस प्रकार की ब्रॉडबैंड सेवा का एक्सेस उनके पास है।
      • निर्णय लेने से पहले या ब्रॉडबैंड कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करने से पहले सुनिश्चित करें कि उपयोगकर्ता दो प्रकार के ब्रॉडबैंड इंटरनेट की विभिन्न सुविधाओं से अवगत है।
    • इंटरफ़ेस सुनिश्चित करें।
      • उपयोगकर्ता का डिवाइस से कनेक्ट करने योग्य मजबूत ब्रॉडबैंड मॉडम चुनना महत्वपूर्ण है।
      • सुनिश्चित करें कि परिप्रेक्ष्य ब्रॉडबैंड मॉडम यू.एस.बी. (USB), पी.सी. कार्ड (PC Card), सीरियल पोर्ट (serial port) या पी.सी.आई. (PCI)/आई.एस.ए. (ISA) पोर्ट जैसे इसके उपलब्ध इंटरफ़ेस में से एक के द्वारा डिवाइस से कनेक्ट होने में सक्षम है।
      • उपयोगकर्ता के स्टोर से खरीदारी करने के लिए आगे बढ़ने से पहले जांचें कि कौन सा इंटरफ़ेस डिवाइस पर कनेक्शन के लिए उपलब्ध है।
    • मॉडम को किराए पर लेना न भूलें।
      • ब्रॉडबैंड मॉडम के बारे में निर्णय लेने का एक आसान रास्ता इंटरनेट सेवा प्रदाता से किराए पर लेना है।
      • एक को किराए पर लेकर, उपयोगकर्ता कम मासिक शुल्क का भुगतान करने में सक्षम रहता है और यह भी सुनिश्चित हो जाता है कि यह सेवा के लिए उपयुक्त है या नहीं।
      • इंटरनेट सेवा प्रदाता किसी मॉडम, जो डिवाइस और अच्छे स्पीड एवं प्रदर्शन के लिए उपकरण दोनों पर अच्छा काम करता हो, का चयन करने में उपयोगकर्ता की सहायता करने में सक्षम होता है।
    • कीमत पर विचार के बारे में न भूलें।
      • यदि उपयोगकर्ता उनका अपना मॉडम खरीदना चाहता है, तो स्टोर में जाने से पहले भुगतान के लिए कीमत सेट करें।
      • आंतरिक मॉडम की कीमत कम होती है, जबकि बाह्य और यू.एस.बी. (USB) मॉडम अधिक खर्चीले होते हैं।
      • पी.सी. कार्ड (PC card) मॉडम भी कनेक्टिविटी प्राप्त करने के लिए अधिक खर्चीले होते हैं।
      • बजट के लिए सबसे अच्छे चयन का निर्धारण करने के लिए मूल्य सीमा के भीतर खरीदारी करें।
      • ब्रॉडबैंड मॉडम कई तरह के विकल्पों और विविधताओं वाले मिलते हैं।
      • होम नेटवर्क को चलाने के लिए उपयुक्त मॉडम का पता लगाने हेतु जाते समय सुनिश्चित करें कि उपयोगकर्ता स्मार्ट निर्णय लेने में सभी आवश्यक घटकों की जानकारी रखता है या नहीं।
    चित्र 3.4: मॉडम (Modem)

    आवश्यक सॉफ्टवेयर

    • ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System)
      • विंडोज एक्स.पी. प्रो (Windows XP Pro) या होम (Home) संस्करण। [(संभवतः विस्टा (Vista) कार्य करता है लेकिन इसे अभी तक नहीं जांचा गया है। मैक (Mac) या लिनक्स (Linux) ठीक हो सकता है लेकिन यह अधिक समर्थन प्रदान नहीं करता है।)
    • सुरक्षा (Security)
      • यह बहुत महत्वपूर्ण समस्या है। इसमें वे होंगे जो शायद ए.इ.डी. (AED) सॉफ्टवेयर को क्रैश करने का तरीका ढूँढते हुए पी.सी. (PC) का एक्सेस प्राप्त करने का प्रयास करेंगे।
    • यहाँ छः सुरक्षा उपाय दिए गए हैं जिसे अपनाया जा सकता है।
      • न्यूनतम (Minimal), गैर-प्रबंधकीय खाता (Non-Administrator account)
      • एंटी-वायरस (Anti-Virus)
      • ए.इ.डी लूप-फॉरएवर स्क्रिप्ट (AED loop-forever script)
      • पी.सी. लॉक डाउन सॉफ्टवेयर (PC lock down software)
      • सामग्री में नो लिंक्स (NO LINKS) (जिसे आप बनाते हैं और अपने डिस्प्ले में जोड़ते हैं)
      • कीबोर्ड छुपाएँ।

    मॉडम कॉन्फ़िगरेशन (Modem Configuration)

    • यह सबसे महत्वपूर्ण भाग है और इसकी आवश्यकता केवल अनुकूलन (customization) के समय होती है।
    • मॉडम को पॉवर सप्लाई एडाप्टर से कनेक्ट करें।
    • फिर मॉडम इथरनेट पोर्ट के इथरनेट केबल को पी.सी. (PC) के इथरनेट पोर्ट से कनेक्ट करें और पी.सी. (PC)/यू.एस.बी. (USB) लाइट के लगातार फ़्लैश होने तक प्रतीक्षा करें। इसका अर्थ यह है कि मॉडम एल.ए.एन. (LAN) सिस्टम में सफलतापूर्वक एकीकृत किया जा चुका है।
    • चित्र 3.5: मॉडम कॉन्फ़िगरेशन (Modem Configuration)
    • अब एक ब्राउज़र खोलें और एड्रेस बार में टाइप करें:http://192.168.1.1/। यह मॉडम कॉन्फ़िगरेशन (Modem Configuration) पृष्ठ पर ले जाएगा।
    • उपयोगकर्ता का नाम दर्ज करें: एडमिन और पासवर्ड: एडमिन जब संकेत दिया जाए।
    • यदि यह प्रमाणीकरण करने में विफल होता है तो उपयोगकर्ता का नाम और पासवर्ड प्राप्त करने के लिए ISP मैन्युअल जांचें।
    • अब बाएं में स्थित “इंटरनेट कनेक्शन (Internet Connection)” टैब पर क्लिक करें।
    • एक बार सफलतापूर्वक लॉग इन हो जाने पर, मॉडम स्क्रीन पर डिवाइस सूचना दर्शाने लगेगा।

    टेलीफोन लाइन विकल्प (Telephone line Options)
    डायल-अप कनेक्शन (Dial-up Connections)

    • डायल-अप इंटरनेट एक्सेस इंटरनेट कनेक्टिविटी का एक प्रकार है जो मानक टेलीफोन लाइन के जरिए कार्य करता है।
    • डायल-अप एक्सेस किसी डिवाइस को मॉडम और सार्वजनिक टेलीफोन नेटवर्क के जरिए किसी नेटवर्क से जोड़ने के लिए संदर्भित करता है।
    • डायल-अप एक्सेस फ़ोन कनेक्शन की तरह ही होते हैं केवल एक अंतर यह है कि; दो छोरों पर लोगों के बजाय कंप्यूटर डिवाइस मौजूद होते हैं।
    • डायल-अप एक्सेस सामान्य टेलीफोन लाइन का उपयोग करता है इस प्रकार कनेक्शन की गुणवत्ता हमेशा अच्छा नहीं होता है और डेटा दर सीमित होते हैं।
    • डायल-अप इंटरनेट एक्सेस कई इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (Internet Service Provider (ISP) द्वारा दिए जाते हैं।
    • अधिकतर ISP टेलीफोन संख्याओं, कभी-कभी स्थानीय, कभी-कभी राष्ट्रीय, जो इंटरनेट वाले नेटवर्क पाइपलाइन में डायल करते हैं, का सेट किराए पर देते हैं।
    • शामिल डायल-अप सेवा शुरू करने के लिए, सदस्य उपयोगकर्ता का नाम और पासवर्ड चुनता है।
    • एक बार जब मॉडम फ़ोन नंबर पर कॉल कर लेता है और कनेक्शन बना लेता है तो "हैंडशेक" वह स्थान ले लेता है जिसमें सूचना कंप्यूटर मॉडम और रिमोट सर्वर के बीच आदान-प्रदान होते हैं।
    • उपयोगकर्ता का नाम और पासवर्ड मॉडम द्वारा प्रदान किया जाता है।
    • यह उपयोगकर्ता को इंटरनेट के लिए डायल-अप गेट वे के जरिए एक्सेस प्रदान करता है।
    • डायल-अप सेवा बहुत कम खर्चीला होता है लेकिन इंटरनेट एक्सेस का सबसे धीमा प्रकार भी होता है।
    चित्र 3.6: डायल-अप कनेक्शन (Dial-up Connection)

    डायल-अप इंटरनेट खातों को कनेक्ट करना (Connecting to Dial-Up Internet Accounts)

    • आरम्भ करें (Start) पर क्लिक करें और कंट्रोल पैनल (Control Panel) इंगित करें।
    • नेटवर्क और इंटरनेट कनेक्शन क्लिक करें।
    • नेटवर्क कनेक्शन (Network Connections) क्लिक करें।
    • नया कनेक्शन बनाएं (Create a new connection) पर क्लिक करें।
    • आगे (Next) पर क्लिक करें।
    • इंटरनेट से कनेक्ट करें (Connect to the Internet) चुनें और आगे (Next) क्लिक करें।
    • मेरे कनेक्शन का सेट अप करें (Set up my connection) को मैन्युअल रूप से चुनें और आगे (Next) क्लिक करें।
    • डायल-अप मॉडम का प्रयोग करके कनेक्ट करें (Connect using a dial-up modem) चुनें और आगे (Next) क्लिक करें।
    • खुले हुए फील्ड में “सेटरनेट (Setarnet)” टाइप करे और आगे (Next) क्लिक करें।
    • ISDN डायलअप के लिए फ़ोन नंबर टाइप करें और आगे (Next) क्लिक करें।
    • “उपयोगकर्ता का नाम (Username)” और “पासवर्ड (Password)” टाइप करें और आगे (Next) क्लिक करें।
    • समाप्त करें (Finish) क्लिक करें और इंटरनेट सेटअप पूर्ण हो जाता है।

    डेडिकेटेड एक्सेस (Dedicated Access)

    • डेडिकेटेड इंटरनेट एक्सेस विश्व भर के इंटरनेट एक्सेस सेवा में विश्वसनीय और स्केलेबल होता है।
    • इसे विशेष रूप से आज के व्यापार में महत्वपूर्ण वी.पी.एन. (VPN) कनेक्टिविटी आवश्यकताओं को बढ़ाने के लिए बनाया गया है।
    • आई.एस.पी. सेवा सुविधाओं के व्यापक सुइट वाली इंटरनेट कनेक्टिविटी का प्रबंधन करता है, वैश्विक व्यापार में सभी को उचित बाजार मूल्य की आवश्यकता होती है।
    • डेडिकेटेड एक्सेस का मुख्य लाभ यह है कि यह मूल्य प्रभावी होता है और यह विश्वसनीय इंटरनेट एक्सेस प्रदान करता है।

    आई.एस.डी.एन. कनेक्शन (ISDN Connection)

    • ISDN इंटीग्रेटेड सर्विसेज डिजिटल नेटवर्क का संक्षिप्त नाम है।
    • ISDN डिजिटल टेलीफोन लाइन या सामान्य टेलीफोन तारों पर ध्वनि, विडियो और डेटा भेजने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संचार मानक है।
    • ISDN 64 Kbps (अर्थात्, 64000 बिट प्रति सेकंड) के डेटा ट्रान्सफर दर का समर्थन करता है।
    • यह प्रमुख रूप से किराए वाले लाइन के लिए बनाया गया है।
    • कॉन्फ़िगरेशन विभिन्न प्रकार के टर्मिनेशन को अनुमति देते हैं। यह टर्मिनेशन के लिए टर्मिनल एडाप्टर (टी.ए.) [Terminal Adapter (TA)] का उपयोग करता है और यह कोई मॉडम नहीं होता है।
    • ISDN दो प्रकार के होते हैं :
      • बेसिक रेट इंटरफ़ेस (बी.आर.आई.) [Basic Rate Interface (BRI)]
      • प्राइमरी रेट इंटरफ़ेस (पी.आर.आई.) [Primary Rate Interface (PRI)]
    • बेसिक रेट इंटरफ़ेस (बी.आर.आई.) [Basic Rate Interface (BRI)]
      • इसमें कंट्रोल सूचना के संप्रेषण के लिए 64 Kbps बी-चैनल (B-Channels) और एक डी-चैनल (D-Channels) होता है।
    • प्राइमरी रेट इंटरफ़ेस (पी.आर.आई.) [Primary Rate Interface (PRI)]
      • इसमें 23 बी-चैनल (B-Channels) और एक डी-चैनल (D-Channel) [अमेरिका (U.S.)] होता है।
    • ISDN का मूल संस्करण बेस बैंड ट्रांसमिशन (base band transmission) का इस्तेमाल करता है।
    • अन्य संस्कार, जिसे बी.-आई.एस.डी.एन. (B-ISDN) कहा जाता है, ब्रॉडबैंड ट्रांसमिशन का उपयोग करता है और 1.5 Mbps के ट्रांसमिशन रेट का समर्थन करने में सक्षम होता है। -ISDN को फाइबर ऑप्टिक केबल (fiber optic cables) की आवश्यकता होती है और यह व्यापक रूप से नहीं मिलता है।
    चित्र 3.7: आई.एस.डी.एन. कनेक्शन (ISDN Connection)

    आई.एस.डी.एन. सेवाएं (ISDN Services)

    • आई.एस.डी.एन. टेलीफ़ोनी (ISDN telephony)
    • आई.एस.डी.एन. टेलीकॉपी (ISDN telecopy)
    • ISDN और एनालॉग टर्मिनल (analog terminals)
    • कॉल अग्रेषण (Call forwarding)
    • कॉल प्रतीक्षा (Call waiting)
    • सी.एल.आई.पी. (कालिंग लाइन आइडेंटिफिकेशन प्रेजेंटेशन) [CLIP (Calling Line Identification Presentation)]
    • सी.एल.आई.आर. (कालिंग लाइन आइडेंटिफिकेशन रिस्ट्रिक्शन) [CLIR (Calling Line Identification Restriction)]
    • तृतीय-पक्ष कांफ्रेंस (Three-party conference)
    • बदलने का सुझाव (Advice of change)
    • दुर्भावनापूर्ण कॉल पहचान (Malicious call identification)

    ISDN के लाभ

    • कम त्रुटियों वाली डिजिटल सेवाएं।
    • बिना डायल किए डायरेक्ट तेज कनेक्शन
    • उच्चतम बैंडविड्थ (सामग्री को डाउनलोड करने में कम समय लेता है)।
    • एकाधिक उपयोगकर्ता का समर्थन करता है।
    • एक से अधिक कार्य करने के लिए ISDN प्रयोग करने में सक्षम है।

    ISDN के नुकसान

    • मानक टेलीफोन की तुलना में ISDN को इंस्टाल करना अधिक खर्चीला होता है।
    • सेट अप करना आसान नहीं होता है।
    • सभी एक्सचेंज ISDN सेवा प्रदान नहीं करते हैं।

    प्रोटोकॉल विकल्प (Protocol Options)
    सुरक्षित शेल (एस.एस.एच.) [Secure Shell (SSH)]

    • सुरक्षित शेल (एस.एस.एच.) [Secure Shell (SSH)] एक ऐसा नेटवर्क प्रोटोकॉल है जो नेटवर्क में रखे गए दो डिवाइस के बीच सुरक्षित चैनल का उपयोग करके डेटा को आदान-प्रदान करने की अनुमति देता है।
    • इसका उपयोग प्राथमिक रूप से शेल अकाउंट के एक्सेस के लिए लिनक्स (Linux) और यूनिक्स (Unix) पर आधारित सिस्टम के लिए होता है, एस.एस.एच. (SSH) टेलनेट (Telnet) और अन्य सुरक्षित रिमोट शेल, जो अवरोध के लिए उन्हें खुला छोड़कर सूचना, विशेष रूप से पासवर्ड, सादा पाठ भेजते हैं, के स्थान पर उपयोग करने के लिए बनाया गया था।
    • एस.एस.एच. (SSH) द्वारा उपयोग किया गया एन्क्रिप्शन इंटरनेट जैसे असुरक्षित नेटवर्क पर डेटा की गोपनीयता और अखंडता प्रदान करता है।
    • एस.एस.एच. (SSH) का प्रयोग सामान्यतया रिमोट मशीन में लॉग इन करने और कमांड निष्पादित करने के लिए होता है।
    चित्र 3.8: सुरक्षित शेल (एस.एस.एच.) [Secure Shell (SSH)]

    SLIP

    • सीरियल लाइन इंटरनेट प्रोटोकॉल (एस.एल.आई.पी.) [Serial Line Internet Protocol (SLIP)] सीरियल पोर्ट और मॉडम कनेक्शन के ऊपर कार्य करने के लिए बनाए गए इंटरनेट प्रोटोकॉल का अधिकांशतः अप्रचलित कैप्सूलीकरण होता है।
    • SLIP (PC पर) की जगह पॉइंट-टु-पॉइंट प्रोटोकॉल (पी.पी.पी.) [Point-to-Point Protocol (PPP)] वृहद रूप से ले रहा है, जो बेहतर तरीके से बनाया गया है, इसमें बहुत अधिक सुविधाएं हैं और स्थापना से पहले इसके आई.पी. (IP) पता कॉन्फ़िगरेशन को सेट करने की आवश्यकता नहीं होती है।
    • SLIP त्रुटी खोज प्रदान नहीं करता है, अतः SLIP अपनी ओर से त्रुटी-फ़ोन डायल-अप कनेक्शन के लिए संतोषप्रद नहीं है।
    • SLIP डायल-अप कनेक्शन के द्वारा इंटरनेट के कनेक्शन के लिए एक प्रोटोकॉल है।
    चित्र 3.9: SLIP

    पी.पी.पी. (PPP)

    • पॉइंट-टू-पॉइंट प्रोटोकॉल या PPP एक डेटा लिंक प्रोटोकॉल है जिसका उपयोग सामान्य रूप से दो नेटवर्किंग नोड के बीच डायरेक्ट कनेक्शन स्थापित करने के लिए होता है।
    • पी.पी.पी. (PPP) मूल रूप से पॉइंट-टू-पॉइंट लिंक पर आई.पी. (IP) ट्रैफिक के परिवहन के लिए कैप्सूलीकरण प्रोटोकॉल के रूप में उभरा है।
    • यह सामान्य रूप से फ़ोन लाइन द्वारा व्यक्तिगत कंप्यूटर को सर्वर से जोडनेवाले सीरियल इंटरफ़ेस का प्रयोग करके दो कंप्यूटर के बीच संचार के लिए प्रोटोकॉल है।
    • पी.पी.पी. (PPP) एक पूर्ण डुप्लेक्स प्रोटोकॉल है जिसका प्रयोग ट्‍विस्टेड युग्म या फाइबर ऑप्टिक रेखाओं या सैटेलाइट ट्रांसमिशन सहित विभिन्न भौतिक मीडिया पर किया जा सकता है।
    • पी.पी.पी. (PPP) सामान्यतः डे फैक्टो मानक स्टैण्डर्ड एस.एल.आई.पी. (de facto standard SLIP) के लिए चुना जाता है क्योंकि यह एसिन्क्रॉनस संचार के साथ-साथ सिंक्रॉनस को हैंडल कर सकता है।
    • पी.पी.पी. (PPP) अन्य उपयोगकर्ताओं के साथ लाइन साझा कर सकता है और इसमें बिना SLIP वाला त्रुटी खोज होता है।
    चित्र 3.10: पॉइंट-टू-पॉइंट प्रोटोकॉल (Point-to-Point Protocol)

    सेवा विकल्प (Service Options)
    ई-मेल (E-mail)

    • ई-मेल (इलेक्ट्रॉनिक सन्देश) दूरसंचार द्वार कंप्यूटर में संगृहीत संदेशों का आदान-प्रदान है।
    • ई-मेल विश्व भर के ऐसे संचार की प्रणाली है जिसमें कंप्यूटर उपयोगकर्ता एक टर्मिनल पर संदेश लिख सकता है जिसे उपयोगकर्ता के लॉग इन के समय प्राप्तकर्ता के टर्मिनल पर पुनः जनरेट किया जा सकता है।
    • इस प्रकार ई-मेल व्यक्तिगत कंप्यूटर के बीच नेटवर्क पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से संदेशों को भेजने और प्राप्त करने की प्रणाली है।
    चित्र 3.11: ई-मेल (E-mail)

    WWW

    • वर्ल्ड वाइड वेब [सामान्य रूप से WWW के रूप में संक्षिप्त किया जाता है] इंटरनेट के जरिए एक्सेस किए जानेवाले इंटरलिंक किए गए हाइपरटेक्स्ट डॉक्यूमेंट की प्रणाली है।
    • वर्ल्ड वाइड वेब उपयोग में आसान और फ़्लेक्सिबल फॉर्मेट के जरिए इंटरनेट पर सूचना को फैलाने में सक्षम करता है।
    • इस प्रकार यह इंटरनेट के उपयोग को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
    चित्र 3.12: वर्ल्ड वाइड वेब (World Wide Web)

    फ़ायरवॉल (Firewall)

    • फ़ायरवॉल एक प्रोग्राम या डिवाइस है जो विनाशक तत्वों को नेटवर्क या निर्दिष्ट कंप्यूटर से बाहर रखने के लिए अवरोध के रूप में कार्य करता है।
    • फ़ायरवॉल नेटवर्क पर अनाधिकृत एक्सेस को ब्लॉक करने या रोकने के लिए निर्दिष्ट मानदंड के साथ कॉन्फ़िगर (हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, या दोनों में) होते हैं।
    • वे असुरक्षित दिखनेवाली सूचना के आनेवाले पैकेट को ब्लॉक करके आपके नेटवर्क ट्रैफिक के लिए फ़िल्टर की तरह काम करते हैं।
    • बड़े संगठनों में, यदि फ़ायरवॉल नहीं रखा गया है, तो दुर्भावनापूर्ण आक्रमणों से हजारों कंप्यूटर सुरक्षा रहित हो सकते हैं।
    • फ़ायरवॉल इंटरनेट के प्रत्येक कनेक्शन में होना चाहिए और बड़े संगठनों में भी आउटगोइंग वेब ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किया जाना चाहिए।
    चित्र 3.13: फ़ायरवॉल

    Resource: http://econtent.nielit.gov.in


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