Part 1
- यदि 100–100 ओम प्रतिरोध मान वाले पांच प्रतिरोधक श्रेणी क्रम में जुड़े हों, तो कुल प्रतिरोध मान 500 ओम होगा।
- एनालाग ऐसा यंत्र होता है जो राशि के मान को संकेत के रूप में दर्शाता है।
- डिस्चार्ज बैट्री का वि.वा. बल 2 वोल्ट्स होता है।
- एक पूर्णतया चार्ज एसिड सेल का नामिनल वोल्टेज 2.2 वोल्ट होता है।
- अर्द्ध आवेशित बैटरी का वि.वा. बल 2–1.15 वोल्ट होता है।
- एक कार्बन जिंक सैल का नार्मल आउटपुट वोल्टेज 1.5 वोल्ट होता है।
- पूर्ण आवेशित बैटरी का आ.घ. 1.25 से 1.28 के बीच होता है।
- डिस्चार्ज बैटरी का आ.घ.1.18 होता है।
- नाइक्रोम नामक कंडक्टर का प्रयोग हीटिंग ऐलिमेंट के रूप में किया जाता है।
- 1 मीट्रिक अश्व शक्ति का मान 735.5 वाट्स होता है।
- फेज वोल्टेज का अर्थ होता है एक फेज तथा न्यूट्रल के मध्य विद्यमान वोल्टेज।
- ट्राई स्क्वायर समकोण नापने वाला औजार होता है।
- पानी के हीटर की बाडी और कनेक्टिंग केबल के बीच 0.5 मेगा ओम से कम का रेजिस्टेंस नहीं होना चाहिए।
- प्रकाश की तीव्रता का मात्रक ल्यूमेन होता है।
- एक 24 ओम और एक 8 ओम रेजिस्टरों को पैरेलल (समांतर) में जोड़ा जाता है, तो संयुक्त रेजिस्टेंस 6 ओम होगा।
- बैट्री में लीक्विड जो कि पानी और सल्फ्यूरिक एसिड का एक मिश्रण होता है इसे इलेक्ट्रोलाइट कहते हैं।
- एक इलेक्ट्रिक सर्किट में शार्ट सर्किट के कारण करेंट का बहाव अधिक होने से फ्यूज उड़ जाता है।
- लैड एसिड बैटरी की नेगेटिव प्लेट में Pb होता है। लैड एसिड बैटरी की पाजीटिव प्लेट में PbO2 होता है।
- एम्पियर मीटर को सर्किट में सिरीज में जोड़ा जाता है।
- फ्यूज का प्रारम्भिक कार्य अत्यधिक करेंट को रोकना होता है।
- यदि किसी श्रेणी परिपथ में एक उच्च मान प्रतिरोध और जोड़ दिया जाये तो परिपथ की विद्युत धारा का मान घट जायेगा।
- यदि एक समानांतर परिपथ में एक प्रतिरोध और जोड़ दें, तो परिपथ की विद्युत धारा का मान बढ़ जायेगा।
- फ्रीक्वेंसी को वोल्ट में मापा जाता है।
- 3 फेज एवं 1 फेज में प्रयोग किये जाने वाले वाट-मीटर्स एक जैसे होते हैं।
- इलेक्ट्रिकल उपकरण में लगी आग को बुझाने के लिए हेलन टाइप एक्सटींग्युशर का प्रयोग किया जाता है।
- भारत में सिंगल फेज घरेलू ए.सी. पावर सप्लाई वोल्टेज 230 वोल्ट होती है।
- ट्रांजिस्टर के सिरों को इमीटर, वेस तथा कलेक्टर के नाम से जानते हैं।
- एक बैट्री की क्षमता को प्लेटों की संख्या और प्लेटों की साइज द्वारा निर्धारित किया जाता है।
- एक मैटीनेंस–फ्री बैटरी में लैड–कैल्सियम प्लेट ग्रिड होती है।
- जब एक मल्टीमीटर के द्वारा कैपिसिटर की टेस्टिंग की जाती है तो सुई शुरू से ही जीरो पोजीशन को प्रकट करती है, इसका अर्थ है कि कैपेसिटर शार्ट सर्किटिड है।
- वायरगेज स्टील की बनी वृत्ताकार प्लेट होती है, इन पर भिन्न –भिन्न नाप के खांचे बने होते हैं, इसका उपयोग तारों का व्यास नापने के लिए किया जाता है।
- ट्रांसफार्मर डी.सी. पर कार्य नहीं करता है।
- विद्युत धारा का मान ऐम्पियर में व्यक्त किया जाता है।
Part 2
- 1 जूल का मान 1 न्यूटन / मीटर होता है।
- विद्युत वाहक बल की इकाई वोल्ट होती है।
- बैटरी के डिस्चार्जिंग के दौरान दोनों प्लेटों में एंक्टिव मेटीरियल लैड सल्फेट में बदल जाता है।
- अमीटर का प्रयोग करेंट मापने के किए किया जाता है।
- वोल्ट मीटर का प्रयोग पोटेंशियल डिफ्रेंस मापने के लिए किया जाता है।
- ऐल्युमीनियम के टुकड़े की फाइलिंग के लिए कर्व् ड फाइल अधिक उपयुक्त होगी।
- ओपन सर्किट में कोई करेंट प्रवाहित नहीं होता है।
- भारत में ए.सी. मेन सप्लाई फ्रीक्वेंसी 50 Hz होती है।
- एक 12 वोल्ट लैड एसिड बैटरी में सिरीज में छ: सेल होते हैं।
- 100 वाट्स का लैम्प 10 घण्टे में 1 यूनिट विद्युत खर्च करेगा।
- एक कंडक्टर में कम निर्दिष्ट प्रतिरोध होना चाहिए।
- एक ओपन सर्किट में रेजिस्टेंस असीमित और करेंट शून्य होते हैं।
- यदि एक कायल का रेजिस्टेंस 15 ओम और इम्पिडेंस 25 ओम हो, तो उसका इंडक्टिव रिएक्टेंस 20 ओम होगा।
- यदि एक मिलियन और एक मेगा ओम रेजिस्टरों को पैरेलल में जोड़ा जाता है तो संयुक्त रेजिस्टेंस मान 0.5 मेगा ओम होगा।
- विभवांतर की इकाई वोल्ट होती है।
- कार्य = बल x दूरी। शक्ति = कार्य/समय
- पंखे की मोटर में प्रयोग किया जाने वाला कैपेसिटर को स्टार्ट वाइंडिंग के साथ सीरिज में जोड़ा जाता है।
- पंखे के विपरीत दिशा में धीमे चलने का कारण केपेसिटर का शार्ट होना होता है।
- एनालाग एवं डिजिटल यंत्रों में डिजिटल यंत्र अधिक शुद्ध होता है।
- यदि 10–10 ओम प्रतिरोध वाले दो प्रतिरोधकों को समानांतर क्रम में जोड़ दें तो कुल प्रतिरोध 5 ओम होगा।
- बड़े वृत्त या चाप की मार्किंग के लिए ट्रैमल का प्रयोग किया जाता है।
- ओवर साइज ड्रिल होने का मुख्य कारण कटिंग ऐंगल का अक्ष के दोनों ओर बराबर न होना होता है।
- इंडिया स्टैंडर्ड (B.I.S.) के अनुसार होल की उच्चतम विचलन का संकेत ES होता है।
- कूलेंट का मुख्य कार्य कटिंग करते समय कटिंग टूल और कार्य को ठण्डा रखना होता है।
- मशीन को पूर्णतया खोलकर साफ करना तेल देकर दोबारा फिट करना मशीन की ओवरहालिंग करना कहलाता है।
- स्टेनलेस स्टील की वेल्डिंग के लिए आर्गन का प्रयोग किया जाता है क्योकि यह निष्क्रिय होता है।
- हैमर का आई होल अण्डाकार होता है।
- लेथ टूल के 6 भाग होते हैं।
- रेतियों (फाइल) को प्राय: हार्ड कार्बन स्टील से बनाया जाता है।
- दो धातुओं को पिघलाकर इकट्ठा जोड़ने की प्रक्रिया को ऐलाय कहते हैं।
- साइन बार टेपर नापने के लिए प्रयोग किया जाता है।
- जी.आई.शीट की सोल्डरिंग के लिए जिंक क्लोराइड को फ्लक्स के रूप में प्रयोग किया जाता है।
- कठोर पदार्थ को फाइल करने के लिए सिंगल कट फाइल का प्रयोग किया जाता है।
Part 3
- लेथ ब्लेड ढलवा लोहा से बनाया जाता है।
- लैथ बैड कास्ट आयरन का बना होता है।
- तेल की विस्कासिटी गर्म करने पर घटती है।
- गैल्वैनाइज्ड आयरन के साथ लैड कोटिड होता है।
- रिविटिंग अर्ध स्थायी फास्टनिंग संक्रिया है।
- वर्नियर कैलिपर द्वारा मापी गई नाप की एक्यूरेसी माइक्रोमीटर से नापे जाने की तुलना में कम होती है।
- स्क्राइवर का प्रयोग जाब की मार्किंग के लिए किया जाता है।
- कामन बियरिंग बुश गन मैटल की बनी होती है।
- बेवेल प्रोट्रेक्टर का प्रयोग कोण नापने के लिए किया जाता है।
- रफ सरफेस की मार्किंग करते समय कापर सल्फेट का प्रयोग किया जाता है।
- बैंच वाइस के जबड़े कठोर स्टील से बनाये जाते हैं।
- माइक्रोमीटर की लीस्ट काउण्ट 0.01 मिमी. होती है।
- एल्युमीनियम की ड्रिलिंग के दौरान कूलैंट के रूप में सौल्यूविल आयल का प्रयोग किया जाता है।
- धातुओं को बिना पिघलाये जोड़ने की विधि को सोल्डरिंग कहते हैं।
- मैटल को मुलायम बनाने के लिए एनीलिंग की जाती है।
- सभी मशीन टूल्स की जननी लेथ को कहते हैं।
- नई फाइल का सबसे पहले प्रयोग मुलायम धातु पर करना चाहिए।
- मीट्रिक वर्नियर केलिपर का अल्पतमांक 0.02 मिमी. होता है।
- माइक्रोमीटर का प्रयोग करने से पहले माइक्रोमीटर की शून्य त्रुटि चेक कर लेनी चाहिए।
- फाइल (रेती) को उत्तल आकार का बनाया जाता है।
- फोर्जिंग शाप में छेद बनाने के लिए पंच का प्रयोग किया जाता है और ड्रिफ्ट का प्रयोग उन्हे बड़ा बनाने के लिए किया जाता है।
- फास्ट पुली वह होती है जिसकी फास्टनिंग शाफ्ट के साथ होती है।
- स्क्रू पिच गेज जांचने के लिए स्क्रू पिच का प्रयोग किया जाता है।
- माइल्ड स्टील में कार्बन की मात्रा कास्ट आयरन से कम होती है।
- सोल्डर सीसा और टिन का मिश्र धातु है।
- पंच का संयुक्त कोण 90 होता है।
- सबसे छोटी माप को वर्नियर कैलिपर से नापी जा सकती है उसे लीस्ट काउंट कहते हैं।
- ड्रिल ग्राइंडिंग करते समय लिप क्लीयरेंस ऐंगल परिवर्तनशील नहीं होता है।
- कास्ट आयरन में ड्रिलिंग करते समय कूलेंट की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
- ट्राई स्क्वायर ब्लेड स्टाक के साथ 90 पर फिट रहता है।
- हैमरिंग के बाद नौर्मेलाइजिंग आवश्यक होती है।
- बड़े सर्किल अथवा आर्क खींचने के लिए ट्रेमल का प्रयोग किया जाता है।
- धातु की कठोरता राक वैल द्वारा निर्धारित की जाता है।
- एक माइक्रोन की क्षमता 0.001 मिमी. होती है।
- हेक्सा ब्लेड पर टीथ सेटिंग कटिंग करते समय घर्षण कम करने के लिए होता है।
- फाइल की लम्बाई प्वाइंट से हील तक मापी जाती है।
- सेकेंड कट फाइल ग्रेड के अनुसार होती है।
Part 4
- फ्लैट फाइल के दोनों एजों पर सिंगल कट होता है।
- मेगनिफाइंग ग्लास का प्रयोग तब किया जाता है, जब परिशुद्धता में माप की रीडिंग लेनी होती है।
- डाट पंच का कोण 60 होता है।
- ड्रिलिंग के समय बड़े छेद का कारण असमान लिप्स होता है।
- हार्ड कार्बन स्टील का लोअर क्रिटिकल तापमान 723 होता है।
- फोम एक्स्टींग्यूशर द्वारा आयल फायर को बुझाया जाता है।
- सी.टी.सी. एक्स्टींग्यूशर द्वारा इलेक्ट्रिकल फायर को बुझाया जाता है।
- गैस मास्क का प्रयोग जहरीली गैस के प्रभाव से बचाव के लिए किया जाता है
- वर्नियर कैलीपर्स एवं माइक्रोमीटर से रेखीय माप की जाती है।
- पंच प्राय: हार्ड कार्बन स्टील के बनाये जाते हैं।
- हैमर प्राय: हार्ड कार्बन स्टील के बनाये जाते हैं।
- बेंच वाइस के बाक्स नट कास्ट आयरन के बने होते हैं।
- बेंच वाइस को पैरेलल जॉ वाइस भी कहते हैं।
- चीजल हार्ड कार्बन स्टील की बनाई जाती है।
- हैमर का भार चीजल की अपेक्षा दोगुना होना चाहिए।
- ब्रांज में कॉपर व टिन मिश्रित होते हैं।
- मैलिएबिलिटी का सबसे अधिक गुण सोना में होता है।
- कार्बन स्टील को हार्ड करने के लिए हार्डनिंग टेम्परेचर कार्बन की मात्रा पर निर्भर करता है।
- आउटसाइड माइक्रोमीटर का प्रयोग बाहरी मापों के लिए किया जाता है।
- इनसाइड माइक्रोमीटर का प्रयोग अंदरूनी मापों के लिए किया जाता है।
- माइक्रोमीटर की प्रारम्भिक रीडिंग जीरो रीडिंग को कहते हैं।
- गहराई की मापों को सूक्ष्मता से मापने के लिए वर्नियर डेप्थ गेज का प्रयोग किया जाता है।
- गियर के दांतों की मापों को सूक्ष्मता से चेक करने के लिए गियर टूथ वर्नियर कैलिपर्स का प्रयोग किया जाता है।
- बेबल गेज का प्रयोग जॉब का कोण चेक करने के लिए किया जाता है।
- छोटे–छोटे सुराखों का साइज चेक करने के लिए स्मॉल होल गेज का प्रयोग करते हैं।
- स्लिप गेज को ब्लॉक गेज भी कहते हैं।
- टेलिस्कोपिक गेज का प्रयोग अंदरूनी साइजों को मापने के लिए किया जाता है।
- लैप की धातु लैपिंग करने वाली धातु की अपेक्षा शॉफ्ट होनी चाहिए।
- किसी जॉब की सरफेस पर टूल के कटिंग रेंज से जो महीन विषमताएं बनती हैं उसे रफनेस कहते हैं।
- फ्रोस्टिंग ऐसी कार्य विधि है जिसमे किसी जॉब की बाहरी फ्लैट सरफेस को चमकदार बनाया जाता है।
- गेल्वेनाइजिंग विधि में ब्लैक आयरन की चद्दरों पर जिंक की कोटिंग की जाती है।
- लुब्रिकेंट की बहाव की माप को विस्कोसिटी कहा जाता है।
- लुब्रिकेंट के उस गुण को जिस तापमान पर आग की लपटें पकड़ लेता है फायर प्वाइंट कहलाता है।
- लुब्रिकेंट जिस तापमान पर बहना शुरू कर दे उसे पोर प्वाइंट कहते हैं।
- मशीन को अधिक स्पीड पर चलाने के लिए सोडियम बेस ग्रीस प्रयोग में लाया जाता है।
- मशीन को कम स्पीड पर चलाने के लिए कैल्शियम बेस ग्रीस का प्रयोग किया जाता है।
- ग्रेफाइट सॉलिड लुब्रिकेंट का उदाहरण है।
- ग्रीस सेमी लिक्विड लुब्रिकेंट है।
- एक ही व्यास की दो पाइपों को सीधी लाइन में जोड़ने के लिए सॉकेट का प्रयोग किया जाता है।
- पाइप लाइन के किसी सिरे को बंद करने के लिए प्लग का प्रयोग किया जाता है।
- पाइप पर बाहरी चूड़ियां काटने के लिए पाइप डाइ का प्रयोग किया जाता है।
- पाइप पर अंदरूनी चूड़ियां काटने के लिए पाइप टैप का प्रयोग किया जाता है
- अलग-अलग व्यास की दो पाइपों को जोड़ने के लिए रिड्यूसिंग सॉकेट का प्रयोग किया जाता है।
- 1 गज = 3 फुट, 1 गज = 0.914 मी., 1 मीटर = 39.37 इंच, 1 फुट = 12 इंच, 1 इंच = 25.4 मिमी. या 2.54 सेमी. , 1 रेडियन = 57.3 डिग्री 1 = F होता है।
- गुनिया, सरफेस प्लेट, सरफेस गेज सतह की जांच करने वाले औजार हैं।
- डाट पंच का कोण 60 होता है।
- सेंटर पंच का कोण 90 होता है।
- धातु का वह गुण जिससे धातु को यदि बार बार मोड़ा जाये तो वह टूटता नहीं है उसे टफनेस कहते हैं।
- स्टील में कार्बन की मात्रा बढ़ाने से उसकी हार्डनेंस बढ़ जाता है।
- जॉब बनाते समय मापों को मापने और चैक करने के लिए स्टील रूल का प्रयोग किया जाता है।
- हार्डनिंग की प्रक्रिया में धातु पर हार्डनेस का गुण बढ़ाया जाता है।
- सिल्वर प्लेटिंग स्थायी कोटिंग है।
- टिनिंग अस्थायी कोटिंग है।
- साधारण सोल्डर का गलनांक 205 C होता है।
- एक अच्छे लुब्रिकेंट में नॉन क्रोसिव तथा हाई स्पेसिफिक हीट का गुण होना चाहिए।
- हाई स्पीड स्टील का मुख्य प्रयोग हाई स्पीड कटिंग टूल के लिए होता है।
- यदि दो गियरों को आपस में मैश किया जाए,तो एक गियर के दांत के टॉप और दूसरी गियर के दांत के रूट के बीच में जो गैप बनता है उसे क्लीयरेंस कहते हैं।
- गन मैटल में कॉपर 88 प्रतिशत होता है।
- हार्ड कार्बन स्टील में कार्बन 0.7 से 1.5 प्रतिशत होना चाहिए।
- गैस वैल्डिंग में ऑक्सीजन के साथ एसिटीलीन गैस का प्रयोग किया जाता है
- फाइल (रेती) को उत्तल आकार का बनाया जाता है।
Part 5
- बैंच वाइस को फीट करते समय उसके ऊपरी फेस की ऊँचाई कारीगर के कोहनी के बराबर जबकि वह अपनी बाजू मोड़कर अँगुलियों को ठुड्डी से लगाकर खड़ा हो, होनी चाहिए।
- साधारण हेक्सा ब्लेड की लम्बाई दोनों पिन होल्स के सेंटर से सेंटर की दूरी तक मापी जाती है।
- ड्रिल द्वारा आसानी से न काटना और उनके कटिंग ऐज जल्दी खराब होने का मुख्य कारण लिप क्लीयरेंस ऐंगल का नहीं या कम होना होता है।
- एल्बो का मुख्य प्रयोग पाइप लाइन को 90 में एक ओर मोड़ने के लिए होता है।
- ग्रुवर का मुख्य प्रयोग जॉब पर ज्वाइंट को लॉक करने के लिए होता है।
- स्टेनलेस स्टील की बेल्डिंग के लिए आर्गन का प्रयोग किया जाता है क्योंकि यह निष्क्रिय होता है।
- रेडियो रिसीवर की इंटरमीडिएट फ्रिक्वेंसी 455 KHz होती है।
- सर्किट जिसके द्वारा सूचना रेडियो सिग्नल पर लागू की जाती है, उसको मोडुलेटर कहते हैं।
- इण्टेग्रेटेड सर्किट को पहचानने का एक मात्र तरीका इसके स्केमेटिक चित्र को चैक करना होता है।
- एंटेना एरे अर्द्ध-तरंग एंटेनाज का एक समूह होता है।
- सी.टी.सी. (कार्बन टेट्रा-क्लोराइड) अग्निशामक का प्रयोग विद्युत परिपथ में आग लगने पर करते हैं।
- आवेश कणों की गति धारा कहलाती है।
- ट्रांजिस्टर के चिन्ह में तीर का निशान एमीटर में इलेक्ट्रान करंट की दिशा को दर्शाता है।
- एंटिना की ऊँचाई में घटाव करने से विकिरण कोण घटता है।
- N प्रकार का अर्द्ध-चालक ‘मुक्त इलेक्ट्रांस’ की बहुलता वाला होता है।
- डायोड का उपयोग रेक्टिफायर के रूप में होता है।
- ट्रांसफार्मर की सेकंडरी वाइंडिंग के लिए 37 S.W.G तार का प्रयोग किया जाता है।
- चुम्बकीय टेप पर संग्रहित कार्यक्रम को मिटाने की सर्वोत्तम तकनीक उच्च आवृत्ति ए.सी.वोल्टता का प्रयोग करना होता है।
- लाउडस्पीकर के बड़े डायोमीटर और भारी कोण को वूफर कहते हैं।
- ऐसा उपकरण जिससे ट्रांसफार्मर की आवृत्ति मापी जाती है तथा जो अनुनाद के सिद्धांत पर कार्य करता है, तरंग मापी कहलाता है।
- डायोड वाल्व दिष्टकारक का कार्य करता है।
- कैथोड किरण नली का वह भाग जो इलेक्ट्रानों का एक महीन बीम उत्पन्न करता है, उसे इलेक्ट्रान गन कहते हैं।
- डबल डायोड में दो एनोड होते हैं।
- उल्टे क्रम में एक-दूसरे से सटे दो P–N संधि को ट्रांजिस्टर कहते हैं।
- ट्रांजिस्टर का मुख्य कार्य प्रवर्धन करना होता है।
- धातुओं में मुक्त इलेक्ट्रानों के कारण पॉजिटिव ऊर्जा होती है।
- वोल्टेज रेगुलेटर परिपथ में प्रयुक्त होने वाले डायोड को जीनर डायोड कहते हैं।
- दिष्ट धारा को प्रत्यावर्ती धारा में परिवर्तित करने वाला युक्ति इंवर्टर है।
- अर्द्ध तरंग दिष्टकारी परिपथ की रिपिल आवृत्ति 50 हर्ट्ज होती है। इसकी दक्षता कम होती है।
- पूर्ण तरंग दिष्टकारी परिपथ की रिपिल आवृत्ति 100 हर्ट्ज होती है। इसकी दक्षता अधिक होती है।
- किसी चालक में विद्युत धारा के प्रवाह का कारण विद्युतीय विभव में अंतर होता है।
- चालक के नेटवर्क में धारा के प्रवाह को समझने हेतु किरचौफ के नियम का प्रयोग किया जाता है।
- किसी विद्युतीय परिपथ में किसी बिंदु पर धाराओं का बीजगणितीय योगफल शून्य होता है।
- किरचाप का लूप नियम ऊर्जा संरक्षण के सिद्धांत पर आधारित है।
- विभव मापी की सहायता से सेल का विद्युत वाहक बल मापा जाता है।
- धातु के ताप को बढ़ाने से उसका प्रतिरोध बढ़ता है।
- पोटेंशियल डिफरेंस को मापने के लिए वोल्टमीटर का प्रयोग किया जाता है।
- किसी संधारित्र की धारिता का मात्रक फैराड होता है।
- जब समानांतर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी बढ़ती है, तो उसकी धारिता घटती है।
- विद्युत चुम्बकीय प्रेरण की घटना फैराडे के द्वारा खोजी गई।
- लेंज का नियम ऊर्जा के संरक्षण सिद्धांत से सम्बद्ध है।
- प्रेरण कुण्डली एक ऐसा यंत्र है जिससे उच्च वोल्टता उत्पन्न की जाती है।
- अपनी ही धारा के कारण कुण्डली में विद्युत वाहक बल का उत्पन्न होना स्वप्रेरण कहलाता है।
- ट्रॉन्सफॉर्मर का क्रोड परतदार होता है, जिससे भँवर धारा का मान कम हो जाता है।
- ऐसी युक्ति जो उच्च प्रत्यावर्ती वोल्टता को निम्न वोल्टता में बदल देती है, उसे अपचायी ट्रॉन्सफॉर्मर कहते हैं।
- ऐसी युक्ति जो निम्न प्रत्यावर्ती वोल्टता निम्न धारा पर उच्च वोल्टता में बदल देती है, उसे उच्चायी ट्रॉन्सफॉर्मर कहते हैं।
- A.C.परिपथ में शक्ति व्यय प्रतिरोधों में होती है।
- वोल्टेज रेगुलेटर परिपथ में प्रयुक्त होने वाले डायोड को जीनर डायोड कहते हैं।
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